देहरादून

उत्तराखंड सरकार द्वारा फार्मासिस्टों के पुराने संवर्ग को बहाल करने की योजना, जिसमें 391 पदों को पुनर्जीवित किया जाएगा,,,।

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अब उत्‍तराखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक होगी फार्मासिस्टों की तैनाती, स्वास्थ्य विभाग कर रहा तैयारी

देहरादून/उत्तराखंड*** उत्तराखंड सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में फार्मासिस्टों की तैनाती पर विचार कर रही है। इसके लिए फार्मासिस्टों के पुराने संवर्ग को बहाल करने की योजना है जिसमें 391 पदों को पुनर्जीवित किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय भार के।

प्रदेश सरकार अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी फार्मासिस्ट तैनात करने की तैयारी कर रही है। उद्देश्य यह कि यहां आने वाले मरीजों को प्राथमिक इलाज व दवा उपलब्ध की जा सके। इसके लिए फार्मासिस्ट का पुराना काडर बहाल करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत पूर्व में समाप्त किए गए 391 पदों को फिर से पुनर्जीवित करने की तैयारी है।
प्रदेश में इस समय स्वास्थ्य विभाग में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टेंडर्ड (आइपीएचएस) के 2019 के मानकों को लागू किया हुआ है। इन मानकों के लागू होने से नए ढांचे में प्रदेश में फार्मासिस्ट संवर्ग के 994 पद रह गए हैं। पहले यह संवर्ग 1385 पदों का था। उस समय विभाग में नए मानक से अधिक पदों पर फार्मासिस्ट तैनात थे तो सरकार ने इनको हटाया नहीं बल्कि इन्हें अन्य अस्पतालों में तैनाती दे दी है।
प्रदेश सरकार इस समय स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार बढ़ाने पर जोर दे रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में पीएचसी व सीएचसी स्तर तक लगातार दवाएं व उपकरण पहुंचा जा रहे हैं। यद्यपि, यहां चिकित्सक, फार्मासिस्ट व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी बनी हुई है। अब सरकार फार्मासिस्ट को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक तैनात करना चाह रही है, ताकि ये यहां आने वाले मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं दे सकें।

स कड़ी में सबसे पहले समाप्त किए जाए चुके 391 पदों को फिर से बहाल करने की तैयारी है। उद्देश्य यह कि इन पदों के सापेक्ष सेवानिवृत्त होने वाले फार्मासिस्ट के रिक्त पदों पर नई भर्ती की जा सके। शासन इसके लिए वर्ष 2021 के आइपीएचएस के मानकों को अपनाने पर विचार कर रहा था, लेकिन इन मानकों के लागू होने से कई अन्य सेवाओं के पद कम हो रहे हैं।
अब स्वास्थ्य विभाग पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने का आधार बनाते हुए फार्मासिस्ट के पुराने पदों को पुनर्जीवित करने पर काम कर रहा है। इससे सरकार पर कोई वित्तीय भार भी नहीं पड़ रहा है।
सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार का कहना है कि इस विषय पर लगातार चर्चा चल रही है।

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