पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड

मानसून सीजन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी: डीएम,,,।

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आपदा संभावित क्षेत्रों की सुरक्षा हेतु जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक, युद्धस्तर पर तैयारी के निर्देश

पौड़ी गढ़वाल/उत्तराखंड*** मानसून को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने भूस्खलन प्रभावित तथा नदी जलस्तर बढ़ने से संभावित रूप से प्रभावित क्षेत्रों में आम जन की सुरक्षा एवं राहत कार्यों की तैयारियों की समीक्षा बैठक की। बैठक में संबंधित विभागों को युद्ध स्तर पर कार्य करने तथा समन्वय स्थापित कर संवेदनशील क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये।

जिलाधिकारी ने आमसौड़ क्षेत्र में घरों को संभावित ख़तरे से बचाने तथा विस्थापन की आवश्यकता की स्थिति में सिंचाई विभाग को कार्ययोजना बनाकर तत्काल फंड जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने पुलिंडा के सड़क संपर्क की ख़राब स्थिति पर भी चिंता व्यक्त करते हुए शीघ्र समाधान करने को कहा। साथ ही उन्होंने कोटद्वार क्षेत्र में बहने वाले नालों की सफाई तथा बहेड़ा स्रोत, खोह नदी, ग्वालगढ़ नाला, जामुन स्रोत व सुखरो नदी को अति संवेदनशील मानते हुए इन क्षेत्रों का शीघ्र सर्वेक्षण कराने के निर्देश भी दिये। इसके अलावा उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को तेली स्रोत, मालन, गिंवई स्रोत एवं पनियाली नाला को भी चिह्नित कर इनका निरीक्षण करने को निर्देश दिये।

जिलाधिकारी ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में एक्सवेटर एवं लोडर मशीनें तैनात करने और सावधानीपूर्वक संचालन करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने मानव बस्तियों को ख़तरे की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की हिदायत दी। उन्होंने यमकेश्वर में बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों जैसे जुड्डा, मोहनचट्टी आदि में सड़क नेटवर्क के चिन्हीकरण एवं मरम्मत करने को कहा। साथ ही स्वर्गाश्रम क्षेत्र में नालों का सर्वे कर अतिक्रमण पर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने जिलाधिकारी ने गर्भवती महिलाओं, स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए विशेष योजना बनाने तथा भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की सड़कों को चिह्नित करने को भी कहा।
जिलाधिकारी ने कहा कि मानसून से पूर्व सभी तैयारियाँ पूर्ण की जाएं और सभी विभाग युद्ध स्तर पर कार्य करें।
जिलाधिकारी ने खनन की समीक्षा हेतु अपर जिलाधिकारी को ज़िम्मेदारी सौंपी। उन्होंने 30 जून के बाद रिवर ड्रेजिंग की स्थिति में चेतावनी जारी करने के निर्देश दिये। साथ ही दुगड्डा क्षेत्र में पुलों की जांच के निर्देश अधिशासी अभियंता को दिये। उन्होंने यमकेश्वर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत तहसील व ब्लॉक को जोड़ने वाले रपटों की स्थिति की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिये। साथ ही उन्होंने श्रीनगर नगर निगम में संवेदनशील स्थानों पर जलभराव की समस्या पर विशेष ध्यान देने को कहा।

जिलाधिकारी ने खतरनाक पेड़ों की छंटाई में लापरवाही बरतने पर नगर निकायों एवं एसडीएम को सप्ताह भर में अनुपालन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये, अन्यथा जवाबदेही तय करने को कहा। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सभी विभागों स्थानों पर नेटवर्क व्यवस्था दुरुस्त रहे। यह भी कहा कि स्कपर एवं नालियों की रिपोर्ट भी शीघ्र प्रस्तुत करें। इसके अलावा जिलाधिकारी ने उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान, बिजली लाइनों के समीप पेड़ों की लॉपिंग, सड़क व पेयजल लाइनों की क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में त्वरित मरम्मत तथा गैस आपूर्ति व्यवस्था को लेकर भी आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने धुमाकोट राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीक्षण अभियंता को गत वर्ष आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिए उनकी प्रशंसा की। जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि आपदा के दौरान किसी भी प्रकार की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं होगी और कहा कि मानसून से पूर्व पूर्ण तैयारी एवं सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं।

बैठक में अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, अधिशासी अभियंता जल संस्थान एस. के. रॉय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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